grah 1 3

ss

Wednesday 14 June 2017

पंजाबी मठरी

मेथी मठरी एक पारंपरिक उत्तर भारतीय करारा नाश्ता है जो खास तौर पर दीवाली के त्योहार के दौरान बनाई जाती है। परफेक्ट मठरी बनाने के लिए उसका आटा सही तरीके से गूंधना जरुरी है और उसे सही तरीके से तलना जरुरी है। इसे बनाने के लिए सूजी, मैदा, अजवायन, काली मिर्च, कसुरी मेथी, घी नमक का उपयोग हुआ है। इस आसान रेसिपी (विधि) का पालन करके आप अपनी पसंद के अनुसार गोल या त्रिकोण आकार में मठरी बनाईये और चाय या कॉफी के साथ एक नाश्ते के रूप में परोसें।

पूर्व तैयारियों का समय: 10 मिनट
पकाने का समय: 30 मिनट
कितने लोगो के लिए: 24 मठरी

सामग्री:

1 कप मैदा
1/4 कप सूजी (रवा)
1/2 टीस्पून अजवायन
1 टीस्पून कसूरी मेथी (सूखे मेथी के पत्ते), वैकल्पिक
1/2 टीस्पून काली मिर्च, कूट ले
3 टेबलस्पून घी
तेल, तलने के लिए
1/2 टीस्पून नमक या स्वादानुसार
1/3 कप + 1/2 टेबलस्पून पानी या जरुरत के अनुसार

विधि:-

एक परात में मैदा, सूजी, अजवायन, कसूरी मेथी, कूटी हुई काली मिर्च, 3 टेबलस्पून घी और 1/2 टीस्पून नमक लें।

उसे अच्छे से मिला ले ताकि घी आटे के साथ मिक्स हो जाये।

उसमे थोड़ा थोड़ा पानी डालें और एकदम सख्त आटा गूंध लें (लगभग 1/3 कप पानी)। इसका आटा पराठे के आटा की तुलना में कठिन होना चाहिए। अगर आटा गूंधते वख्त ज्यादा पानी की जरुरत लगे तो 1-2 टीस्पून अधिक पानी डालें। आटे को एक प्लेट से या मलमल के कपड़े से ढके और 15-20 मिनट के लिए सेट होने दें।
एक कड़ाही में मध्यम आंच पर तेल (तलने के लिए) गर्म करने रखें। आटे को फिर से गूंधे। इसे 24-26 बराबर भागों में बाँट लें और गोल आकार दें। एक भाग ले और उसे चकले के ऊपर रखे। उसे अपनी हथेली से दबाये और फिर बेलन से 2-3 इंच व्यास के गोल आकार में बेल लें (मठरी ½ इंच मोटी रखें)। अगर मठरी एकदम गोल नहीं बनती है तो चिंता मत करे।
बेली हुई मठरी के ऊपर कांटे से 8-10 छेद कर ले (इससे तलने के दौरान मठरी फूलेगी नहीं)। इसी तरह बाकी बचे भाग में से भी मठरी बेल ले।

जब तेल मध्यम गर्म हो जाये तब उसमें एक समय में 5-6 मठरी डाले (या कड़ाही के आकार के अनुसार कम या ज्यादा) और आंच को कम कर दें। जब नीचे की सतह हल्के सुनहरे भूरे रंग की होने लगे तब मठरी को पलटे और आंच को मध्यम करे और दूसरी तरफ सुनहरे भूरे रंग की होने तक और क्रिस्पी होने तक तले। इसे तलने के लिए 5-7 मिनट का समय लगेगा। उन्हें तेल में से निकाल कर एक थाली में पेपर नैपकिन के ऊपर रखे।

बाकी बची मठरी भी इसी तरह तल लें। उन्हें कमरे के तापमान पर ठंडा होने दे और एक एयर टाइट डिब्बे में रखें। यह 20-25 दिनों तक अच्छी रहती है।

सुझाव और विविधता:

त्रिकोण आकार की मठरी बनाने के लिए, इसे 4-5 इंच व्यास के गोल आकार में बेले और फिर उसे एक बाजू से उठाकर दूसरी बाजु पर रखे और अर्धगोल बनाईये। इसे फिर से एक बाजू से उठाकर दूसरी बाजू के ऊपर रखे ताकि त्रिकोण बन जाये । (सादे त्रिकोण के आकार का पराठा की रेसिपी में दि गई तस्वीरें देखें ।)

मठरी तलते समय धीरज रखें। अगर आप इसे उच्च आंच पर तलेंगे तो ये तुरंत ही सुनहरी हो जाएगी लेकिन अंदर से कच्ची रहेगी।

सुनिश्चित करें कि गूंधा हुआ आटा सख्त ही हो अन्यथा मठरी खस्ता नहीं बनेगी।

पंजाबी स्वाद की मठरी बनाने के लिये कसूरी मेथी डाली गयी है। लेकिन आप बदलाव के लिए मेथी के बदले 1/2 टीस्पून जीरा और 1/2 टीस्पून तिल डाल सकते हैं।


No comments:

Post a Comment